जयपुर। बॉलीवुड फिल्मकार संजय लीला भंसाली की अपकमिंग फिल्म पद्मावती की रिलीज पर विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। देशभर में जंहा भंसाली की फिल्म पद्मावती की रिलीज को लेकर राजपूत संगठनों सहित अनेक राजघराने विरोध प्रदर्शन कर रहे है वहीं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने भी सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी को पत्र लिखकर आवश्यक बदलाव से पहले फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई है।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने पत्र में लिखा है कि सेंसर बोर्ड को भी फिल्म को प्रमाणित करने से पूर्व सभी संभावित नतीजों पर विचार करना चाहिए, साथ ही प्रसिद्ध इतिहासकारों, फिल्मी हस्तियों और पीड़ित समुदाय के सदस्यों की एक कमैटी बनाकर फिल्म की कथानक पर विस्तार से विचार—विमर्श करें। इसके पश्चात फिल्म में आवश्यक परिवर्तन किए जाए ताकि किसी भी समाज की भावनाओं को आघात न लगे।
मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि फिल्म निर्माताओं को अपनी समझ के अनुसार फिल्म बनाने का अधिकार है लेकिन कानून व्यवस्था, नैतिकता और नागरिकों की भावनाओं को ठेस पहुंचने की स्थिति में मौलिक अधिकारों पर भी तर्क के आधार पर नियंत्रण रखने का प्रावधान भारत के संविधान में है। इसलिए पद्मावती फिल्म की रिलीज पर पुनर्विचार किया जाए। केन्द्रीय मंत्री को पत्र लिखने के लिए मेवाड़ के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर श्रीमती राजे से मुलाकात कर उनका आभार जताया। प्रतिनिधिमंडल में यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी, चित्तौड़गढ़ विधायक चन्द्रभान आक्या, मेवाड क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष बालू सिंह कानावत, मेवाड क्षत्रिय महासभा के संरक्षक मनोहर सिंह कृष्णावत एवं तेज सिंह बांसी, जोहर स्मृति संस्थान, चित्तौड़गढ़ के महामंत्री भंवर सिंह खरड़ी, कोषाध्यक्ष नरपत सिंह भाटी, चित्तौड़ क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह खोर शामिल थे। इसके अलावा गजसिंह अलसीसर ने भी मुख्यमंत्री का आभार जताया।